इतने कम समय में इसका क्रियान्वयन स्कूल कालेज कारखाने औधोगिक प्रतिष्ठान हॉस्पिटल, बस स्टैन्ड, रेल्वे स्टेशन, सड़क, टॉकीज, होटल रेल बस हवाई अडड गली मोहल्ले में इसका व्यापक असर दिन प्रतिदिन दिखाई देता है यह अभियान प्रधान मंत्री या सरकार का न होकर आम जन का हो गया यह अभियान दिल्ली से चलकर भारत के समस्त गली मोहल्लों में पहुंच गया इसके व्यापक असर और प्रचार प्रसार का प्रमाण है कि हम अब गली मोहल्ले में खुले में कचरा फेंकने की तो सोच भी नहीं सकते
समय समय पर विभिन्न सरकारों के विभिन्न प्रधानमंत्रियों एवं सरकारों द्वारा अनेकों अभियान चलाये जाते रहे है। परंतु देखने में आता था कि अभियान प्रचार प्रसार एवं झूठे आंकड़ो तक ही सीमित रहते थे। समय के साथ अगला अभियान प्रारंभ किया जाता था और पिछला अभियान भुला दिया जाता था या कचरे की टोकरी में डाल दिया जाता था आमजन की भागीदारी का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता अभियान भी सीमित वर्ग सीमित संख्या में व्यक्तियों के लिये होते थे परंतु प्रधानमंत्री का स्वच्छता अभियान पूर्व के सभी अभियानों से अपनी अलग पहचान रखता हें इस अभियान में व्यापक जन संमर्थन प्राप्त हो रहा है। प्रत्येक नागरिक चाहे वह नवयुवक हो बूढा हो स्त्री हो पुरूष हो मजदूर हो व्यापारी हो विद्यार्थी हो या शिक्षक हो प्रत्येक नागरिक स्वच्छता अभियान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना अपना कर्तव्य समझता है। इतने कम समय में इसका क्रियान्वयन स्कूल कालेज कारखाने औधोगिक प्रतिष्ठान हॉस्पिटल, बस स्टैन्ड, रेल्वे स्टेशन, सड़क, टॉकीज, होटल रेल बस हवाई अडड गली मोहल्ले में इसका व्यापक असर दिन प्रतिदिन दिखाई देता है यह अभियान प्रधान मंत्री या सरकार का न होकर आम जन का हो गया यह अभियान दिल्ली से चलकर भारत के समस्त गली मोहल्लों में पहुंच गया इसके व्यापक असर और प्रचार प्रसार का प्रमाण है कि हम अब गली मोहल्ले में खुले में कचरा फेंकने की तो सोच भी नहीं सकते बल्कि गली मोहल्ले की गंदगी को मोहल्ले के व्यक्ति एक साथ रविवार या अन्य छुटट्ी के दिनों में त्याहोरों के समय सामूहिक रूप से हाथ में डलिया झाडू लेकर न सिर्फ अपने गली मोहल्ले की बल्कि सड़क, बस स्टैन्ड, रेल्वे स्टेशन,तक की सफाई बड़े गर्व के साथ करते हैं। जो कि हमारे प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाता है बल्कि उससे हमारी राष्ट्रीय एकता भाईचारा और प्रत्येक अभियान में हम प्रधानमंत्री के साथ है इस बात का संदेश भी जाता है जो कि हमारे देश की तस्वीर दुनिया के सामने मिशाल बनती है। जन भागीदारी से जो कार्य हो सकते हैं वह कार्य सरकार मशीनरी या सरकारी धन फंूककर भी नहीं किये जा सकते हैं।