कहीं कहीं पर्यावरण प्रदूषित करना हमारी विवशता है जैसे उद्योगों मशीनों वाहनों आदि के द्वारा होने वाला प्रदूषण हमारी विवशता है इसके अभाव में इस प्रदूषण को पूरा समाप्त नहीं किया जा सकता लेकिन इंजन में सुधार कर बड़ी मात्रा में पौधे लगाकर इस प्रदूषण को कम किया जा सकता है सीमेंट कंकरीट का अंधाधुध प्रयोग भी पर्यावरण को दूषित करने का बड़ा कारण है
सीमेन्ट और कंकरीट के लिये बड़ी-बड़ी खदानों से निरंतर लाखों टन सीमेन्ट पत्थर और कंकरीट पत्थर निकाला जाता है पत्थर की खुदाई से हजारों वर्ग कि.मी. जंगल नष्ट होते हैं तथा सीमेन्ट बनाने के लिये कारखाने में अत्याधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है जिसके लिये वोरिंग द्वारा धरती से आधुनिक मशीनों द्वारा पानी निकाला जाता है बहुत गहराई से अधिक पानी निकालने के कारण दूर-दूर तक बड़े-बड़े, हरे-भरे, वृक्ष खड़े-खड़े सूख जाते है वनों के नष्ट होने से जहाँ अन्य जीव जन्तु पशु पक्षी पलायन कर जाते है या उनकी मृत्यु हो जाती है। जिससे क्षेत्र में तापमान में बढ़ोतरी है एवं वर्षा भी कम होने लगती है। वैज्ञानिकों को सीमेन्ट का विकल्प जल्द से जल्द तैयार करने के लिये शेाध करना चाहिए। एवं शासकीय अर्धशासकीय एवं निजी ऐजेन्सीयों को सड़क नाली भवन फ्लाई ओवर आदि का कम से कम निर्माण करना चाहिए जहाँ आवश्यकता हो वही निर्माण करना चाहिए शासन प्रशासन को सीमेन्ट कंकरीट के उपयोग के लिये निरूत्साहित किया जाना चाहिये। 30-40 वर्ष पुराने पक्के भवनों को आधुनिकता के नाम पर धराशायी किया जा रहा है इससे जहाँ राष्ट्र को धन की हानि होती है वही सीमेन्ट कंकरीट का अंधाधुध उपयोग होता है। इन सब निर्माणों में भारी मात्रा में लोहे का उपयोग हो रहा है लोहे के लिये भी बड़ी-बड़ी खदानों से रात दिन बड़ी-बड़ी आधुनिक मशीनों से लोह अयस्क निकाला जा रहा है लोह अयस्क भारत के स्टील कारखानों में औधोगिक उपयोग एवं भवन निर्माण के लिये लोहा तैयार किया जाता है एवं बड़ी मात्रा में लोह अयस्क निर्मात भी किया जाता है। जिससे पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। दूर-दूर तक तापमान बढ़ रहा है। पेड़ पौधे जीव जन्तु पशु पक्षी नष्ट हो रहे हैं। स्टील कारखाने भी जहरीला धुंआ उगलते हैं। पानी की अधिक मात्रा में खपत होती है। लोहे का अनेकों बार रिसाइकिल हो जाता है परन्तु सीमेन्ट का और उसके साथ उपयोग किये गये लोहे का रिसाइकिल नहीं होता। आर.सी.सी. के मलबे को भी विधिवत विपटान एवं बड़ी समस्या है।